भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आयोनी / कंस्तांतिन कवाफ़ी / सुरेश सलिल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कंस्तांतिन कवाफ़ी |अनुवादक=सुरे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
  
 
और कभी कभी
 
और कभी कभी
एक युवा सुकुमार आऔति अस्पष्ट
+
एक युवा सुकुमार आकृति अस्पष्ट
 
द्रुतगामी उड़ान में
 
द्रुतगामी उड़ान में
तुम्हारी पहाड़ियों के आरपार पंख पसारती है ।
+
तुम्हारी पहाड़ियों के आर-पार पँख पसारती है ।
  
 
[1911]
 
[1911]

22:50, 30 सितम्बर 2019 के समय का अवतरण

कि हमने उनकी मूर्तियाँ तोड़ दीं
कि हमने उन्हें मन्दिरों से खदेड़ दिया
क़त्तई अर्थ नहीं इस सबका
कि वे देवता मर गए ।

ओ आयोनिया<ref>एशिया माइनर का एक क्षेत्र। इसी से जुड़कर दोनों महाद्वीपों में फैले उस देश का नाम यूनान [अँग्रेज़ी में ‘ग्रीस’] पड़ा। यूनानी संस्कृति अपने जिस रूप में विख्यात है, उसका जन्म यूरोपीय भूमि पर नहीं, एशियाई भूभाग आयोनिया में हुआ। महान कवि होमर, इतिहास का जनक हेरोदोतस आदि अनेक प्राचीन यूनानी व्यक्तित्व इसी आयोनिया क्षेत्र में हुए।</ref> की धरा,
वे अब भी तुमसे प्रेमानुरक्त हैं ।
उनकी आत्मा में अब भी तुम्हारी स्मृति है ।

जब अगस्त की कोई भोर तुम पर प्रकट होती है
तुम्हारा वायुमण्डल उनके जीवन से प्रभावित होता है

और कभी कभी
एक युवा सुकुमार आकृति अस्पष्ट
द्रुतगामी उड़ान में
तुम्हारी पहाड़ियों के आर-पार पँख पसारती है ।

[1911]

अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल

शब्दार्थ
<references/>