भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ब्रह्मदेव शर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(पृष्ठ को खाली किया) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{KKGlobal}} | |
+ | {{KKParichay | ||
+ | |चित्र= | ||
+ | |नाम=ब्रह्मदेव शर्मा | ||
+ | |उपनाम= | ||
+ | |जन्म= | ||
+ | |जन्मस्थान= | ||
+ | |मृत्यु= | ||
+ | |कृतियाँ= | ||
+ | |विविध= | ||
+ | |जीवनी=[[ब्रह्मदेव शर्मा / परिचय]] | ||
+ | |अंग्रेज़ीनाम=Brahmadev sharma | ||
+ | |shorturl= | ||
+ | |gadyakosh= | ||
+ | |copyright=ब्रह्मदेव शर्मा | ||
+ | }} | ||
+ | {{KKCatDelhi}} | ||
+ | ====ग़ज़ले==== | ||
+ | * [[खुली या बंद हों आँखें दिखाई देता है / ब्रह्मदेव शर्मा]] | ||
+ | * [[मचल रही है कहीं अमावस, भटक रहा है कहीं उजाला / ब्रह्मदेव शर्मा]] | ||
+ | * [[जिकर उसका न कर फ़साने में / ब्रह्मदेव शर्मा]] | ||
+ | * [[सागर, नदी तुम्हारी, पर्वत गगन तुम्हारा / ब्रह्मदेव शर्मा]] | ||
+ | * [[सच अगर सच न कह पाएँगे एक दिन / ब्रह्मदेव शर्मा]] | ||
+ | * [[सूरज जैसा तेज जमीं पर बरसाने की कोशिश में / ब्रह्मदेव शर्मा]] | ||
+ | * [[अगर सच है कहो क्यों कँपकपाहट / ब्रह्मदेव शर्मा]] | ||
+ | * [[जिनको प्यारा वह घर जिसने सुख दुख बाँटे खुशियाँ बाँटी / ब्रह्मदेव शर्मा]] | ||
+ | * [[दो कौड़ी का मोल नहीं है सौ का टैग लगा बैठे हो / ब्रह्मदेव शर्मा]] | ||
+ | * [[चंदा-सूरज-जुगनू-तारे मैं हूँ, तुम हो साथ सभी हों / ब्रह्मदेव शर्मा]] | ||
+ | * [[अगर बीज बनकर जमीं में न दबते / ब्रह्मदेव शर्मा]] | ||
+ | * [[मुझको जबाब दे वह जो लाजबाब कर दे / ब्रह्मदेव शर्मा]] |
12:24, 31 अक्टूबर 2019 का अवतरण
ब्रह्मदेव शर्मा
© कॉपीराइट: ब्रह्मदेव शर्मा। कविता कोश के पास संकलन की अनुमति है। इन रचनाओं का प्रयोग ब्रह्मदेव शर्मा की अनुमति के बिना कहीं नहीं किया जा सकता।
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | |
---|---|
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
ब्रह्मदेव शर्मा / परिचय |
ग़ज़ले
- खुली या बंद हों आँखें दिखाई देता है / ब्रह्मदेव शर्मा
- मचल रही है कहीं अमावस, भटक रहा है कहीं उजाला / ब्रह्मदेव शर्मा
- जिकर उसका न कर फ़साने में / ब्रह्मदेव शर्मा
- सागर, नदी तुम्हारी, पर्वत गगन तुम्हारा / ब्रह्मदेव शर्मा
- सच अगर सच न कह पाएँगे एक दिन / ब्रह्मदेव शर्मा
- सूरज जैसा तेज जमीं पर बरसाने की कोशिश में / ब्रह्मदेव शर्मा
- अगर सच है कहो क्यों कँपकपाहट / ब्रह्मदेव शर्मा
- जिनको प्यारा वह घर जिसने सुख दुख बाँटे खुशियाँ बाँटी / ब्रह्मदेव शर्मा
- दो कौड़ी का मोल नहीं है सौ का टैग लगा बैठे हो / ब्रह्मदेव शर्मा
- चंदा-सूरज-जुगनू-तारे मैं हूँ, तुम हो साथ सभी हों / ब्रह्मदेव शर्मा
- अगर बीज बनकर जमीं में न दबते / ब्रह्मदेव शर्मा
- मुझको जबाब दे वह जो लाजबाब कर दे / ब्रह्मदेव शर्मा