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सामने आकर बात करो तो अच्छा है।
आँख मिलाकर बात करो तो अच्छा है।
दुश्मन से भी बात अगर करनी हो तो,
आँख दिखाकर बात करो तो अच्छा है।
 
इश्क़ में पाना चाहो तुम भी फ़त्ह अगर,
आँख झुकाकर बात करो तो अच्छा है।
 
राज़ छुपाना हो जो दिल का अपनों से,
आँख छुपाकर बात करो तो अच्छा है।
 
‘नूर’ बचाने का नुस्ख़ा है ख़ुद को तुम,
आँख बचाकर बात करो तो अच्छा है।
</poem>
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