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कुंज भवन सएँ निकसलि रे रोकल गिरिधारी / विद्यापति
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14:59, 2 मई 2020
कुंज भवन सएँ निकसलि रे रोकल गिरिधारी।
एकहि नगर बसु माधव हे जनि करु बटमारी।।
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कान्ह मोर आंचर रे फाटत नब सारी।अपजस होएत जगत भरि हे जानि करिअ
उधारी।।
उघारी।।
संगक सखि अगुआइलि रे हम एकसरि नारी।
दामिनि आय तुलायति हे एक राति अन्हारी।।
Sharda suman
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