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"छोडे पनि नछोडिने / कालीप्रसाद रिजाल" के अवतरणों में अंतर
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आफ्नो जाने ठाउँ छैन खाली पछ्याउने | आफ्नो जाने ठाउँ छैन खाली पछ्याउने | ||
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22:23, 7 मई 2020 के समय का अवतरण
छोडे पनि नछोडिने प्यार हो कि छाया
कि त सँगसँगै हिँड्ने यार हो कि छाया
सलाई कोरी बालूँ भने बाल्न नमिल्ने
कतै लगी फालूँ भने फाल्न नमिल्ने
छोडी जाने निष्ठुरीको याद हो कि छाया
कैले ओड्ने आफैँलाई कैले बिछ्याउने
आफ्नो जाने ठाउँ छैन खाली पछ्याउने
नियातिको कुनै कैदी दास हो कि छाया