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23:49, 27 मई 2020 का अवतरण

अल्हड़ और मस्ती भरे दिन
दर्ज़ हैं इस डायरी में
इसी में पढ़ने का टाइमटेबल

छोटे होटलों धर्मशालाओं और रिश्तेदारों के पते
प्रेम के दिनों के मुलायम वाक्य
और दुखी दिनों के उदास पैराग्राफ
बरसों इसी डायरी में जगह बनाते रहे

इसी में दर्ज़ हुई लाल स्याही से कई तारीखें
वे निश्चित थीं महत्वपूर्ण साक्षात्कारों के लिए
मगर एक अदद नौकरी तक नहीं पहुँचा पाईं
नब्बे फीसदी लोगों की तरह
मैं भी गलत जगह पर पहुँचा

प्रेम कविताएँ लिखी गईं इसी डायरी में
मगर कभी भी मुकम्मल नहीं हुईं

इसी में शामिल हुए कुछ नए रिश्ते
और असमय मृत्यु को प्राप्त हुए
शायद उन्हें किसी और बेहतर की दरकार थी

इसी में दर्ज़ हुआ
बनियों, दूधवालों और दवाइयों का हिसाब
और दो एक बार सुसाइड नोट के ड्राफ्ट भी लिखे गए इसी में

बुरे से बुरे दिनों में इसी में लिखी गईं कविताएँ
अच्छे दिनों की उम्मीद में।