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"मेरे शब्द / महमूद दरवेश" के अवतरणों में अंतर

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जब मिट्टी थे मेरे शब्द
 
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मेरी दोस्ती थी गेहूँ की बालियों से  
 
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जब क्रोध थे मेरे शब्द  
 
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ज़ंजीरों से दोस्ती थी मेरी  
 
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जब पत्थर थे मेरे शब्द  
 
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मैं लहरों का दोस्त हुआ  
 
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जब विद्रोही हुए मेरे शब्द  
 
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भूचालों से दोस्ती हुई मेरी  
 
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जब कड़वे सेब बने मेरे शब्द  
 
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मैं आशावादियों का दोस्त हुआ  
 
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पर जब शहद बन गए मेरे शब्द  
 
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मक्खियों ने मेरे होंठ घेर लिए
 
मक्खियों ने मेरे होंठ घेर लिए
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(अनुवाद : गीत चतुर्वेदी)
 
(अनुवाद : गीत चतुर्वेदी)

23:58, 21 सितम्बर 2008 का अवतरण

जब मिट्टी थे मेरे शब्द

मेरी दोस्ती थी गेहूँ की बालियों से


जब क्रोध थे मेरे शब्द

ज़ंजीरों से दोस्ती थी मेरी


जब पत्थर थे मेरे शब्द

मैं लहरों का दोस्त हुआ


जब विद्रोही हुए मेरे शब्द

भूचालों से दोस्ती हुई मेरी


जब कड़वे सेब बने मेरे शब्द

मैं आशावादियों का दोस्त हुआ


पर जब शहद बन गए मेरे शब्द

मक्खियों ने मेरे होंठ घेर लिए


(अनुवाद : गीत चतुर्वेदी)