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"ख़्वाब / शार्दुला नोगजा" के अवतरणों में अंतर

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ना ये प्यार है न दोस्ती
 
ना ये प्यार है न दोस्ती

14:45, 7 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

ना ये प्यार है न दोस्ती
ये एक हसीन-सा ख़्वाब है।
तू कहे तो ज़िंदगी
मैं आँख अपनी खोल दूँ।।

हँस के ज़माना कह गया
तेरे पास अब क्या रह गया।
बोलो तो अनमोल तुमको
किस तराजू तोल दूँ।।