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"सहर / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर
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सुनहरी धूप की कलियाँ खिलाती | सुनहरी धूप की कलियाँ खिलाती |
18:11, 11 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण
सुनहरी धूप की कलियाँ खिलाती
घनी शाखों में चिड़ियों को जगाती
हवाओं के दुपट्टे को उड़ाती
ज़रा-सा चाँद माथे पर उगा के
रसीले नैन कागज से सजाके
चमेली की कली बालों में टाँके
सड़क पर नन्हे-नन्हे पाँव धरती
मज़ा ले-ले के बिस्कुट को कुतरती
सहर मक़तब में पढ़ने जा रही है
धुँदलकों से झगड़ने जा रही है