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पिँजडाको चरो
स्वतन्त्रताको गीत गाउँछ ।
 
 
'''[[मुझे पता है क्यों गाता है पिंजरे का पक्षी / बालकृष्ण काबरा ’एतेश’ / माया एंजलो|इस कविता का हिन्दी अनुवाद पढ्ने के लिए यहाँ क्लिक करेँ]]'''
</poem>
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