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जीवन का राग / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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04:19, 5 जनवरी 2021
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|रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
उर भीगे परदेस में , करके तुझको याद।
आँसू बनकर हो गए, नैनों में आबाद।
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वीरबाला
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