भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अंतस में दुबकाकर रखना / जहीर कुरैशी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जहीर कुरैशी |संग्रह=भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी }} [[Cate...) |
|||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=जहीर कुरैशी | |रचनाकार=जहीर कुरैशी | ||
+ | |अनुवादक= | ||
|संग्रह=भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी | |संग्रह=भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatGhazal}} | |
− | + | <poem> | |
अंतस में दुबकाकर रखना | अंतस में दुबकाकर रखना | ||
− | + | लेकिन, आग बचाकर रखना | |
− | लेकिन, आग बचाकर रखना | + | |
− | + | ||
बीती बातों का क्या रोना | बीती बातों का क्या रोना | ||
− | + | आँसू को भी गाकर रखना | |
− | आँसू को भी गाकर रखना | + | |
− | + | ||
खुद से अनबन मत कर लेना | खुद से अनबन मत कर लेना | ||
− | + | खुद को दोस्त बनाकर रखना | |
− | खुद | + | |
− | + | ||
बस्ती के पागल कुत्तों को | बस्ती के पागल कुत्तों को | ||
− | + | पहले ही हड़का कर रखना | |
− | पहले ही हड़का कर रखना | + | |
− | + | ||
लाख अहसमतियाँ हों, लेकिन | लाख अहसमतियाँ हों, लेकिन | ||
− | + | उनसे भी चर्चा कर रखना | |
− | उनसे भी चर्चा कर रखना | + | |
− | + | ||
मीठी मुस्कानों की खातिर | मीठी मुस्कानों की खातिर | ||
− | + | मन में फूल खिलाकर रखना | |
− | मन में फूल खिलाकर रखना | + | |
− | + | ||
जीवन के व्यवहार —मार्ग पर | जीवन के व्यवहार —मार्ग पर | ||
− | |||
कुछ सिद्धांत बनाकर रखना | कुछ सिद्धांत बनाकर रखना | ||
+ | </poem> |
20:20, 21 अप्रैल 2021 के समय का अवतरण
अंतस में दुबकाकर रखना
लेकिन, आग बचाकर रखना
बीती बातों का क्या रोना
आँसू को भी गाकर रखना
खुद से अनबन मत कर लेना
खुद को दोस्त बनाकर रखना
बस्ती के पागल कुत्तों को
पहले ही हड़का कर रखना
लाख अहसमतियाँ हों, लेकिन
उनसे भी चर्चा कर रखना
मीठी मुस्कानों की खातिर
मन में फूल खिलाकर रखना
जीवन के व्यवहार —मार्ग पर
कुछ सिद्धांत बनाकर रखना