भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"माँ पर हाइकु / जेन्नी शबनम" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जेन्नी शबनम |संग्रह= }} {{KKCatHaiku}} <poem>1. तौ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
}}
 
}}
 
{{KKCatHaiku}}
 
{{KKCatHaiku}}
<poem>1.
+
<poem>
 +
1.
 
तौल सके जो
 
तौल सके जो
 
नहीं कोई तराजू
 
नहीं कोई तराजू
 
माँ की ममता !
 
माँ की ममता !
 
 
2.
 
2.
 
समझ आई
 
समझ आई
 
जब खुद ने पाई
 
जब खुद ने पाई
 
माँ की वेदना !
 
माँ की वेदना !
 
 
3.
 
3.
 
माँ का दुलार
 
माँ का दुलार
 
नहीं है कोई मोल
 
नहीं है कोई मोल
 
है अनमोल !
 
है अनमोल !
 
 
4.
 
4.
 
असहाय माँ
 
असहाय माँ
 
कह न पाई व्यथा
 
कह न पाई व्यथा
 
कोख़ उजड़ी !
 
कोख़ उजड़ी !
 
 
5.
 
5.
 
जो लुट गई
 
जो लुट गई
 
लाड़ में मिट गई
 
लाड़ में मिट गई
 
वो होती है माँ !
 
वो होती है माँ !
 
 
6.
 
6.
 
प्यारी बिटिया,
 
प्यारी बिटिया,
 
बन गई वो माँ-सी
 
बन गई वो माँ-सी
 
पी-घर गई !
 
पी-घर गई !
 
 
7.
 
7.
 
पराई हुई
 
पराई हुई
 
घर-आँगन सूना
 
घर-आँगन सूना
 
माँ की बिटिया !
 
माँ की बिटिया !
 
 
8.
 
8.
 
सारा हुनर
 
सारा हुनर
 
माँ से बिटिया पाए
 
माँ से बिटिया पाए
 
घर बसाए !
 
घर बसाए !
 
 
9.
 
9.
 
माँ का अँचरा
 
माँ का अँचरा
 
सारे जहाँ का प्यार
 
सारे जहाँ का प्यार
 
घर संसार !
 
घर संसार !
 
 
10.
 
10.
 
माँ का कहना
 
माँ का कहना
 
कभी नहीं टालना
 
कभी नहीं टालना
 
माँ होती दुआ !
 
माँ होती दुआ !
 
 
11.
 
11.
 
माँ की दुनिया
 
माँ की दुनिया

18:25, 23 मई 2021 के समय का अवतरण

1.
तौल सके जो
नहीं कोई तराजू
माँ की ममता !
2.
समझ आई
जब खुद ने पाई
माँ की वेदना !
3.
माँ का दुलार
नहीं है कोई मोल
है अनमोल !
4.
असहाय माँ
कह न पाई व्यथा
कोख़ उजड़ी !
5.
जो लुट गई
लाड़ में मिट गई
वो होती है माँ !
6.
प्यारी बिटिया,
बन गई वो माँ-सी
पी-घर गई !
7.
पराई हुई
घर-आँगन सूना
माँ की बिटिया !
8.
सारा हुनर
माँ से बिटिया पाए
घर बसाए !
9.
माँ का अँचरा
सारे जहाँ का प्यार
घर संसार !
10.
माँ का कहना
कभी नहीं टालना
माँ होती दुआ !
11.
माँ की दुनिया
अँगना में बहार
घर-संसार !

(मई 8, 2011)