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"मन- त्रिंजण / हरदीप कौर सन्धु" के अवतरणों में अंतर

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बैठ यादों की नाव
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यादें झूमर
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नाचे सजाके माथे
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कुछ पिघला 
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जाग गईं सुधियाँ 
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मन पहुँचा-
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यादों के पंख लगा
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गाँव -आँगन
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पाखी हैं  यादें
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मन खुला आसमाँ
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उड़ी ये कहाँ
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खुशबू बन
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महके है बिटिया
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घर- आँगन
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बिटिया होती
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फूल- पँखुरियों पे
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ओस के मोती
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नन्ही -सी परी
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वो घुँघरू की मीठी
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रुनझुन- सी
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30
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माँ के आँगन
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फूलों जैसी बिटिया
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दिव्य सर्जना
 
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22:32, 27 सितम्बर 2021 के समय का अवतरण

 
21
मन- त्रिंजण
लो तेरी याद आई
हँसी तन्हाई
22
तिरती रही
बैठ यादों की नाव
तुम्हारे संग
23
यादें झूमर
नाचे सजाके माथे
मन- मयूर
24
कुछ पिघला
जाग गईं सुधियाँ
आँखें सजल
25
मन पहुँचा-
यादों के पंख लगा
गाँव -आँगन
26
पाखी हैं यादें
मन खुला आसमाँ
उड़ी ये कहाँ
27
खुशबू बन
महके है बिटिया
घर- आँगन
28
बिटिया होती
फूल- पँखुरियों पे
ओस के मोती
29
नन्ही -सी परी
वो घुँघरू की मीठी
रुनझुन- सी
30
माँ के आँगन
फूलों जैसी बिटिया
दिव्य सर्जना