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"याद / क्रिस्टीना रोजेटी / सुधा तिवारी" के अवतरणों में अंतर

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याद करना मुझे जब मैं चली जाऊँ दूर,
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याद करना मुझे जब चली जाऊँ मैं दूर,
 
सुदूर किसी प्रशान्त क्षेत्र में;
 
सुदूर किसी प्रशान्त क्षेत्र में;
जब तुम फिर कभी न थाम सको मुझे हाथों में,
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जब फिर कभी न थाम सको तुम अपने हाथों में मुझे,
न ही मैं रुक जाऊँ जाते - जाते मुड़कर ।
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न ही मैं रुक सकूँ जाते - जाते मुड़कर।
 
याद करना मुझे जब रोज़ - ब - रोज़  
 
याद करना मुझे जब रोज़ - ब - रोज़  
तुम बता न सको वो योजनाएँ जो बनाई है तुमने
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तुम तफ़्ज़ील दे न सको भावी योजनाओं की :
हमारे भविष्य के बारे में :
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सिर्फ़ याद करना, तुम समझ लो कि
सिर्फ़ याद करना, तुम समझो
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सान्त्वना देने या प्रार्थना करने के लिए बहुत देर हो गई होगी तब
सान्त्वना देने या प्रार्थना करने के लिए बहुत देर हो गई होगी ।
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फिर भी मुझे अगर भूल ही जाना हो तुम्हें थोड़ी देर के लिए
 
फिर भी मुझे अगर भूल ही जाना हो तुम्हें थोड़ी देर के लिए
और फिर याद करना हो, दुखी न हो :
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और फिर याद करना हो, उदास न हो :
 
क्योंकि अन्धेरा और जफ़ा बच
 
क्योंकि अन्धेरा और जफ़ा बच
 
रहे अगर
 
रहे अगर
 
उन ख़यालों की निशानी - सी
 
उन ख़यालों की निशानी - सी
जो कभी मैं थी,
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जो कभी मैं हुआ करती थी,
 
बेहतर है कि उन्हें भूल जाओ तुम
 
बेहतर है कि उन्हें भूल जाओ तुम
 
और मुस्कुराओ
 
और मुस्कुराओ
 
बनिस्बत कि तुम
 
बनिस्बत कि तुम
याद करो और उदास हो जाओ
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याद रखते हुए उदास रहो
  
 
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुधा तिवारी'''
 
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुधा तिवारी'''

15:35, 18 जनवरी 2022 के समय का अवतरण

याद करना मुझे जब चली जाऊँ मैं दूर,
सुदूर किसी प्रशान्त क्षेत्र में;
जब फिर कभी न थाम सको तुम अपने हाथों में मुझे,
न ही मैं रुक सकूँ जाते - जाते मुड़कर।
याद करना मुझे जब रोज़ - ब - रोज़
तुम तफ़्ज़ील दे न सको भावी योजनाओं की :
सिर्फ़ याद करना, तुम समझ लो कि
सान्त्वना देने या प्रार्थना करने के लिए बहुत देर हो गई होगी तब ।
फिर भी मुझे अगर भूल ही जाना हो तुम्हें थोड़ी देर के लिए
और फिर याद करना हो, उदास न हो :
क्योंकि अन्धेरा और जफ़ा बच
रहे अगर
उन ख़यालों की निशानी - सी
जो कभी मैं हुआ करती थी,
बेहतर है कि उन्हें भूल जाओ तुम
और मुस्कुराओ
बनिस्बत कि तुम
याद रखते हुए उदास रहो ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुधा तिवारी

लीजिए, अब यही कविता मूल भाषा में पढ़िए
          Remember
     Christina Rossetti

Remember me when I am gone away,
   Gone far away into the silent land;
   When you can no more hold me by the hand,
Nor I half turn to go yet turning stay.
Remember me when no more day by day
   You tell me of our future that you planned:
   Only remember me; you understand
It will be late to counsel then or pray.
Yet if you should forget me for a while
   And afterwards remember, do not grieve:
   For if the darkness and corruption leave
   A vestige of the thoughts that once I had,
Better by far you should forget and smile
   Than that you should remember and be sad.