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"सच्च बताना साईं / पद्मा सचदेव" के अवतरणों में अंतर
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बच्चे कहीं बेकार न बैठें | बच्चे कहीं बेकार न बैठें | ||
ये तेरा ये मेरा बच्चा | ये तेरा ये मेरा बच्चा | ||
+ | दोनों आँखों के ये तारे | ||
+ | अपने ही हैं बच्चे सारे | ||
+ | भरे रहें सब जग के द्वारे | ||
+ | भरा हुआ कोना-कोना है | ||
+ | आगे-आगे क्या होना है। | ||
− | + | बहे बाज़ार बहे ये गलियाँ | |
+ | घर-बाहर में महकें कलियाँ | ||
+ | तेरे-मेरे आंगन महकें | ||
+ | बेटे धीया घर में चहकें | ||
+ | बम-गोली-बन्दूक उतारो | ||
+ | इन की आँखों में न मारो | ||
+ | ख़ुशब | ||
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16:50, 8 नवम्बर 2008 का अवतरण
सच्चो सच्च बताना साईं
आगे-आगे क्या होना है
खेत को बीजूँ न बीजूँ
पालूँ या न पालूँ रीझें
धनिया-पुदीना बोऊँ या न बोऊँ
अफ़ीम ज़रा-सी खाऊँ या न खाऊँ
बेटियों को ससुराल से बुलाऊँ
कब ठाकुर सीमाएँ पूरे
तुम पर मैं क़ुरबान जाऊँ
आगे-आगे क्या होना है।
दरिया खड़े न हों परमेश्वर
बच्चे कहीं बेकार न बैठें
ये तेरा ये मेरा बच्चा
दोनों आँखों के ये तारे
अपने ही हैं बच्चे सारे
भरे रहें सब जग के द्वारे
भरा हुआ कोना-कोना है
आगे-आगे क्या होना है।
बहे बाज़ार बहे ये गलियाँ
घर-बाहर में महकें कलियाँ
तेरे-मेरे आंगन महकें
बेटे धीया घर में चहकें
बम-गोली-बन्दूक उतारो
इन की आँखों में न मारो
ख़ुशब