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"दिन डूबा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'" के अवतरणों में अंतर
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दिन डूबा | दिन डूबा | ||
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नावों के | नावों के | ||
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सिमट गए पाल। | सिमट गए पाल। | ||
खिंच गई नभ में | खिंच गई नभ में | ||
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धुएँ की लकीर | धुएँ की लकीर | ||
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चढ़ गई | चढ़ गई | ||
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लहरों की पीर | लहरों की पीर | ||
डबडबाई | डबडबाई | ||
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आँख- सा | आँख- सा | ||
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सिहर गया ताल । | सिहर गया ताल । | ||
थककर | थककर | ||
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बाट की ढलान, | बाट की ढलान, | ||
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गुमसुम | गुमसुम | ||
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सो गया | सो गया | ||
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चूर चूर गान | चूर चूर गान | ||
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हिलते रहे | हिलते रहे | ||
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याद के दूर तक रूमाल। | याद के दूर तक रूमाल। |
20:55, 22 दिसम्बर 2022 का अवतरण
दिन डूबा नावों के सिमट गए पाल।
खिंच गई नभ में
धुएँ की लकीर
चढ़ गई
तट पर
लहरों की पीर
डबडबाई आँख- सा सिहर गया ताल ।
थककर
रुक गई
बाट की ढलान,
गुमसुम
सो गया
चूर चूर गान
हिलते रहे
याद के दूर तक रूमाल।