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"योजनाओं का शहर-1 / संजय कुंदन" के अवतरणों में अंतर

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19:38, 12 नवम्बर 2008 के समय का अवतरण

जब उसने बताया कि
वह एक योजना के मुताबिक
विनम्र बन रहा है, तो मैं चकराया
उसके मुस्कुराने के अंदाज़ और
हाथ मिलाने के ढंग पर संदेह हुआ

मुझ से विदा लेकर
वह राजपथ की ओर मुड़ा
और उन खम्भों के बीच
तनकर खड़ा हो गया
जो योजना के तहत लगाए गए थे
सड़क के किनारे

पहली बार मैंने एक खम्भे की हँसी सुनी थी।