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"यहाँ रहना है तो... / श्याम सुशील" के अवतरणों में अंतर
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ज़मीन की तलाश
तोड़ डालेगी तुम्हें
यहाँ रहना है तो
पत्थरों में--
फसल उगाना सीखो !