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"ग़ज़ल संचयन / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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* [[लंबी है ये सियाहरात जानता हूँ मैं / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[लंबी है ये सियाहरात जानता हूँ मैं / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[शौक़िया कुछ लोग चिल्लाने के आदी हो गये / डी .एम. मिश्र]]
 
* [[शौक़िया कुछ लोग चिल्लाने के आदी हो गये / डी .एम. मिश्र]]
* [[अँधेरा है धना फिर भी ग़ज़ल पूनम की कहते हो / डी. एम. मिश्र]]
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* [[अँधेरा है घना फिर भी ग़ज़ल पूनम की कहते हो / डी .एम. मिश्र]]
 
* [[अँधेरा जब मुक़द्दर बन के घर में बैठ जाता है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[अँधेरा जब मुक़द्दर बन के घर में बैठ जाता है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[समन्दर की लहर पहचानता हूँ क्या करूँ लेकिन / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[समन्दर की लहर पहचानता हूँ क्या करूँ लेकिन / डी. एम. मिश्र]]
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* [[करें विश्वास  कैसे सब तेरे वादे चुनावी हैं / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[करें विश्वास  कैसे सब तेरे वादे चुनावी हैं / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[मगर हुआ इस बार भी वही हर कोशिश बेकार गई / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[मगर हुआ इस बार भी वही हर कोशिश बेकार गई / डी. एम. मिश्र]]
* [[राजनीति में आकर गुंडो के भी बेड़ापार हो गये / डी. एम. मिश्र]]
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* [[राजनीति में आकर गुंडो के भी बेड़ापार हो गये / डी.एम. मिश्र]]
 
* [[इक तरफ़ हो एक नेता इक तरफ़ सौ भेड़िये / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[इक तरफ़ हो एक नेता इक तरफ़ सौ भेड़िये / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[वोटरों के हाथ में मतदान करना रह गया / डी. एम. मिश्र ]]
 
* [[वोटरों के हाथ में मतदान करना रह गया / डी. एम. मिश्र ]]

22:00, 16 मई 2023 का अवतरण

डी. एम. मिश्र : ग़ज़ल संचयन
Gazalsanchayan.jpg
रचनाकार डी. एम. मिश्र
प्रकाशक शिल्पायन पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, 10295, लेन नं 01, वैस्ट गोरखपार्क, शाहदरा, दिल्ली -110032
वर्ष प्रथम संस्करण 2023
भाषा हिंदी
विषय रचना संग्रह
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 184
ISBN 978-93-92195-08-2
विविध
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