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|जन्मस्थान=मसक्वा, रूस | |जन्मस्थान=मसक्वा, रूस | ||
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− | |कृतियाँ=पत्रिकाओं में कविताएँ बिखरी हुई हैं। | + | |कृतियाँ= सुरमई घोड़ा (2006), पत्रिकाओं में कविताएँ बिखरी हुई हैं। |
− | |विविध=लिअनीद गुबानफ़ गुप्त रूप से कविताएँ लिखा करते थे। बचपन से ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। इनकी कुछ कविताएँ ’पिअनेरस्कया गज़्येता’ और ’कविता का घण्टा’ नामक किशोर कवियों के एक संग्रह में प्रकाशित हुई थीं। 1964 में उनकी एक लम्बी कविता के कुछ अंश ’यूनस्त’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए। यही सोवियत सत्ताकाल में उनकी रचनाओं का अन्तिम प्रकाशन था। 1965 में कुछ समय के लिए ’मानसिक रोग चिकित्सालय’ में रहे। ’स्मोग’ (साहस, विचार, बिम्ब, गहनता) SMOG ("Courage, Thought, Image, Depth") नामक एक गुप्त साहित्यिक संस्था के संस्थापक। सरकार विरोधी छवि होने के कारण कोई ढंग की नौकरी नहीं मिली और मज़दूरी करके व सफ़ाई कर्मचारी के रूप में ज़िन्दगी बिताई। रूसी साहित्य के आलोचकों ने इन्हें रूसी भाषा महत्वपूर्ण कवि माना | + | |विविध=लिअनीद गुबानफ़ गुप्त रूप से कविताएँ लिखा करते थे। बचपन से ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। इनकी कुछ कविताएँ ’पिअनेरस्कया गज़्येता’ और ’कविता का घण्टा’ नामक किशोर कवियों के एक संग्रह में प्रकाशित हुई थीं। 1964 में उनकी एक लम्बी कविता के कुछ अंश ’यूनस्त’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए। यही सोवियत सत्ताकाल में उनकी रचनाओं का अन्तिम प्रकाशन था। 1965 में कुछ समय के लिए ’मानसिक रोग चिकित्सालय’ में रहे। ’स्मोग’ (साहस, विचार, बिम्ब, गहनता) SMOG ("Courage, Thought, Image, Depth") नामक एक गुप्त साहित्यिक संस्था के संस्थापक। सरकार विरोधी छवि होने के कारण कोई ढंग की नौकरी नहीं मिली और मज़दूरी करके व सफ़ाई कर्मचारी के रूप में ज़िन्दगी बिताई। रूसी साहित्य के आलोचकों ने इन्हें रूसी भाषा महत्वपूर्ण कवि माना है। |
|जीवनी=[[लिअनीद गुबानफ़ / परिचय]] | |जीवनी=[[लिअनीद गुबानफ़ / परिचय]] | ||
|अंग्रेज़ीनाम=Leonid Gubanov | |अंग्रेज़ीनाम=Leonid Gubanov |
15:42, 7 जून 2023 का अवतरण
लिअनीद गुबानफ़
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जन्म | 20 जुलाई 1946 |
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निधन | 08 सितम्बर 1983 |
उपनाम | Губанов, Леонид Георгиевич |
जन्म स्थान | मसक्वा, रूस |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
सुरमई घोड़ा (2006), पत्रिकाओं में कविताएँ बिखरी हुई हैं। | |
विविध | |
लिअनीद गुबानफ़ गुप्त रूप से कविताएँ लिखा करते थे। बचपन से ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। इनकी कुछ कविताएँ ’पिअनेरस्कया गज़्येता’ और ’कविता का घण्टा’ नामक किशोर कवियों के एक संग्रह में प्रकाशित हुई थीं। 1964 में उनकी एक लम्बी कविता के कुछ अंश ’यूनस्त’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए। यही सोवियत सत्ताकाल में उनकी रचनाओं का अन्तिम प्रकाशन था। 1965 में कुछ समय के लिए ’मानसिक रोग चिकित्सालय’ में रहे। ’स्मोग’ (साहस, विचार, बिम्ब, गहनता) SMOG ("Courage, Thought, Image, Depth") नामक एक गुप्त साहित्यिक संस्था के संस्थापक। सरकार विरोधी छवि होने के कारण कोई ढंग की नौकरी नहीं मिली और मज़दूरी करके व सफ़ाई कर्मचारी के रूप में ज़िन्दगी बिताई। रूसी साहित्य के आलोचकों ने इन्हें रूसी भाषा महत्वपूर्ण कवि माना है। | |
जीवन परिचय | |
लिअनीद गुबानफ़ / परिचय |