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"ग़ज़ल संचयन / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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* [[गरीबों के बारिश में घर गिर गये हैं / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[गरीबों के बारिश में घर गिर गये हैं / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[बहुत कुछ तुम्हारे शहर से है ग़ायब / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[बहुत कुछ तुम्हारे शहर से है ग़ायब / डी. एम. मिश्र]]
* [[किसी सैलाब के आने की आशंका से डरता हूँ / डी .एम. मिश्र]]
+
* [[किसी सैलाब के आने की आशंका से डरता हूँ / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[हो गयी अंधी है मद में चूर सत्ता / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[हो गयी अंधी है मद में चूर सत्ता / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[ज़ोर मुझ  पर आज़माना चाहता है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[ज़ोर मुझ  पर आज़माना चाहता है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[रास्ता यूँ मेरा ढलान में है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[रास्ता यूँ मेरा ढलान में है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[ग़मे आशिक़ी ने सँभलना सिखाया / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[ग़मे आशिक़ी ने सँभलना सिखाया / डी. एम. मिश्र]]
* [[पहलें की तरह अब उन्हें उल्फ़त नहीं रही / डी. एम. मिश्र]]
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* [[पहले की तरह अब उन्हें उल्फ़त नहीं रही / डी. एम. मिश्र]]
* [[छूट गया घर तब जाना घर क्या होता है / डी .एम. मिश्र]]
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* [[छूट गया घर तब जाना घर क्या होता है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[वो समंदर है तो होने दीजिए / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[वो समंदर है तो होने दीजिए / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[आग जलाकर रक्खो मौसम नम ज़्यादा है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[आग जलाकर रक्खो मौसम नम ज़्यादा है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[भँवर में है कश्ती किनारे कहाँ हैं / डी .एम. मिश्र]]
 
* [[भँवर में है कश्ती किनारे कहाँ हैं / डी .एम. मिश्र]]
 
* [[ग़मज़दा आंखों का दो बूंद नीर कैसे बचे / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[ग़मज़दा आंखों का दो बूंद नीर कैसे बचे / डी. एम. मिश्र]]
* [[अंधों को भले लग रहा फ़स्लेबहार है / डी. एम. मिश्र]]
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* [[अंधों को भले लग रहा फस्लेबहार है / डी. एम. मिश्र]]
* [[मारा गया इंसाफ़ मांगने के जुर्म में / डी. एम. मिश्र]]
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* [[मारा गया इंसाफ़ मांगने के जुर्म में / डी .एम. मिश्र]]
* [[उधर बुलंदी पे उड़ता हुआ धुआं देखा / डी. एम. मिश्र]]
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* [[उधर बुलंदी पे उड़ता हुआ धुआँ देखा / डी. एम. मिश्र]]
* [[ख़़बर वो नहीं जो दिखायी गयी है / डी. एम. मिश्र]]
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* [[ख़बर वो नहीं जो दिखायी गयी है / डी .एम. मिश्र]]
 
* [[आप मजे में हैं तो क्या फ़स्लेबहार है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[आप मजे में हैं तो क्या फ़स्लेबहार है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[कृष्न करै तो लीला बोलो, किसना करै छिनारा / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[कृष्न करै तो लीला बोलो, किसना करै छिनारा / डी. एम. मिश्र]]

22:48, 10 जुलाई 2023 का अवतरण

डी. एम. मिश्र : ग़ज़ल संचयन
Gazalsanchayan.jpg
रचनाकार डी. एम. मिश्र
प्रकाशक शिल्पायन पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, 10295, लेन नं 01, वैस्ट गोरखपार्क, शाहदरा, दिल्ली -110032
वर्ष प्रथम संस्करण 2023
भाषा हिंदी
विषय रचना संग्रह
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 184
ISBN 978-93-92195-08-2
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

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