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"सन्ध्या-चित्र-3 / विजयदेव नारायण साही" के अवतरणों में अंतर

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01:29, 18 नवम्बर 2008 के समय का अवतरण

रह-रह कर छेड़ती-सी हवा
गुलाबी पतंग के पीचे
भरे-भरे
गुदगुदे गुलाबी बादल ।

कंगूरे के ऊपर का हवामुर्ग़
खिलाड़ी
पेट के सहारे नाचता है
चोंच से पूँछ पकड़ने के लिए ।