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"सुनसान शहर / विजयदेव नारायण साही" के अवतरणों में अंतर
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01:51, 18 नवम्बर 2008 के समय का अवतरण
मैं बरसों इस नगर की सड़कों पर आवारा फिरा हूँ
वहाँ भी जहाँ
शीशे की तरह
सन्नाटा चटकता है
और आसमान से मरी हुई बत्तखें गिरती हैं ।