Changes

<poem>
जाने क्या हो गया, कि<br />सूरज इतना लाल हुआ।<br /> प्यासी हवा हाँफती<br />फिर-फिर पानी खोज रही<br />
सूखे कण्ठ-कोकिला, मीठी<br />
बानी खोज रही<br />