"मुझमें डूबना होगा / कविता भट्ट" के अवतरणों में अंतर
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फिर से जाना होगा.... | फिर से जाना होगा.... | ||
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+ | मोमैं बूड़िबैं ह्वैहै/ रश्मि विभा त्रिपाठी | ||
+ | बरखा के पानी मैं | ||
+ | कागद की नैया नाँई | ||
+ | नेह तैं पैराइबौ नेह तोरौ | ||
+ | बचन अहै मोरौ | ||
+ | पै बदिबौ जई अहै | ||
+ | तोइ मोमैं बूड़िबैं ह्वैहै | ||
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+ | कागद जा पै | ||
+ | तोरी भावई लिखी होइ | ||
+ | बाइ जहाज बनाइ | ||
+ | उड़ाइ सकति हौं | ||
+ | नैननि मूँचि तोइ | ||
+ | हर भावई लिखिबैं ह्वैहै | ||
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+ | तोरे विरुद्ध है रई | ||
+ | कुचालनि के पिठ्ठू | ||
+ | गिराइबे कौ दावा करति हौं | ||
+ | तोइ मोरे हाँथ | ||
+ | बटा गहाइबैं ह्वैहै | ||
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+ | साइकिल के टायर कौं | ||
+ | डंडा तैं दूरि लौं चलात भए | ||
+ | दौरिबैं अहै- चौरी सड़क पै | ||
+ | संग संग ओ सखा | ||
+ | बदिबौ जई हतु | ||
+ | एक बेरि हमहिं सिसुताई मैं | ||
+ | बहोरि जाइबैं ह्वैहै। | ||
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08:54, 26 अगस्त 2024 के समय का अवतरण
बारिश के पानी में
कागज की कश्ती- सा
प्यार से तेरे प्यार को तैराना
वादा है मेरा
लेकिन शर्त यह है कि
तुझे मुझमें डूबना होगा
कागज जिस पर
तेरी उलझनें लिखी हों
उसे जहाज बनाकर
उड़ा सकती हूँ
तुझे आँखें मूँद,
हर उलझन को लिखना होगा
तेरे ख़िलाफ़ हो रही
साजिशों के पिठ्ठू
गिराने का दावा करती हूँ
तुझे मेरे हाथ में
गेंद थमाना होगा
साइकिल के टायर को
डंडे से दूर तक चलाते हुए
दौड़ना है- चौड़ी रोड पर
साथ-साथ ऐ दोस्त
शर्त यह है कि
एक बार हमें बचपन में
फिर से जाना होगा....
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ब्रज अनुवाद:
मोमैं बूड़िबैं ह्वैहै/ रश्मि विभा त्रिपाठी
बरखा के पानी मैं
कागद की नैया नाँई
नेह तैं पैराइबौ नेह तोरौ
बचन अहै मोरौ
पै बदिबौ जई अहै
तोइ मोमैं बूड़िबैं ह्वैहै
कागद जा पै
तोरी भावई लिखी होइ
बाइ जहाज बनाइ
उड़ाइ सकति हौं
नैननि मूँचि तोइ
हर भावई लिखिबैं ह्वैहै
तोरे विरुद्ध है रई
कुचालनि के पिठ्ठू
गिराइबे कौ दावा करति हौं
तोइ मोरे हाँथ
बटा गहाइबैं ह्वैहै
साइकिल के टायर कौं
डंडा तैं दूरि लौं चलात भए
दौरिबैं अहै- चौरी सड़क पै
संग संग ओ सखा
बदिबौ जई हतु
एक बेरि हमहिं सिसुताई मैं
बहोरि जाइबैं ह्वैहै।