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जब कभी वे दनदनाते आएंगे
मेरी सारी क़िताबें
पास की दलदल में
फाड़ कर फेंक देंगे
मेरे दोस्तों
और मेरी बीवी के ख़त
गुप्त-पत्र समझ कर ले जाएंगे
मेरी कविताएँ
मेरे आंगन में जलाने
और मुझे खोज न पाने के बाद
मेरे गाँव के सभी मज़ूर-महनतकशों से
राइफ़ल के कुन्दों और
क्रूर शब्दों के ज़ोर पर
करेंगे वे मेरे बारे में पूछ-ताछ
उनके चले जाने के बाद
काग़ज़ों की राख
ढूंढ़ेगी मुझे ग़मगीन, उदास
मुझ को घर में
और घर के आस-पास
मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद :