भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सोनार बंगाल / समर सेन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=समर सेन |संग्रह= }} <Poem> मुझे दिखाई देता है इस विशिष...)
 
(कोई अंतर नहीं)

19:27, 30 नवम्बर 2008 के समय का अवतरण

मुझे दिखाई देता है इस विशिष्ट शहर में
एक विलक्षण दृश्य :
हर जगह विदेशी सैनिक,
कवियों और नवयुवकों ने अपना लिए हैं
भिन्न रंग ।
अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष के कारण
दुनिया एक हो गई है ।
क्या जादू के द्वारा प्रगति सम्भव है?

इस देश के सोचने का ढंग पूरी तरह बदल गया है ।
मुझे दिखाई देते हैं
सोनार बंगाल के इस शहर में,
यहाँ के नागरिक,
भिखारी और नरकंकाल,
भोजन की खोज में साथ-साथ ।

मूल बंगला भाषा से अनुवाद :