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"जगह वही / प्रयाग शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

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वही जगह
 
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जिसे कहूँ अपनी है ।
 
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अपनों की--
 
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जगह है ।
 
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जँहा जब इच्छा हो
 
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बुला सकूँ बीती स्मृतियों को
 
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हँसे नहीं कोई ठठाकर
 
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उन पर ।
 
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जहाँ मैं रहूँ और कोई यह
 
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कोशिश करे नहीं
 
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तौलने-परखने की
 
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क्या मेरी ताकत है,
 
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मेरी उस जगह पर !
 
मेरी उस जगह पर !
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18:03, 1 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

वही जगह
जिसे कहूँ अपनी है ।
अपनों की--

जगह है ।

जँहा जब इच्छा हो
बुला सकूँ बीती स्मृतियों को
हँसे नहीं कोई ठठाकर
उन पर ।

जहाँ मैं रहूँ और कोई यह
कोशिश करे नहीं
तौलने-परखने की
क्या मेरी ताकत है,
मेरी उस जगह पर !