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"सोख न लेना पानी / कुँअर बेचैन" के अवतरणों में अंतर
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03:44, 4 जनवरी 2009 का अवतरण
सूरज !
सोख न लेना पानी !
तड़प तड़प कर मर जाएगी
मन की मीन सयानी !
सूरज, सोख न लेना पानी !
बहती नदिया सारा जीवन
साँसें जल की धारा
जिस पर तैर रहा नावों-सा
अंधियारा उजियारा
बूंद-बूंद में गूँज रही है
कोई प्रेम कहानी !
सूरज, सोख न लेना पानी !
यह दुनिया पनघट की हलचल
पनिहारिन का मेला
नाच रहा है मन पायल का
हर घुंघुरू अलबेला
लहरें बाँच रही हैं
मन की कोई बात पुरानी !
सूरज, सोख न लेना पानी !