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"मेरा पता / अमृता प्रीतम" के अवतरणों में अंतर

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और जहाँ भी
 
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:— समझने वह मेरा घर है।
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:— समझना वह मेरा घर है।
 
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05:08, 14 जनवरी 2009 का अवतरण

आज मैंने
अपने घर का नम्बर मिटाया है
और गली के माथे पर लगा
गली का नाम हटाया है
और हर सड़क की
दिशा का नाम पोंछ दिया है
पर अगर आपको मुझे ज़रूर पाना है
तो हर देश के, हर शहर की,
हर गली का द्वार खटखटाओ
यह एक शाप है, यह एक वर है
और जहाँ भी
आज़ाद रूह की झलक पड़े
— समझना वह मेरा घर है।