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"बाँस / ध्रुव शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

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20:19, 14 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

बाँस पक गए हैं
उन्हें छप्पर पर बिछा दो
खपरे छा दो
एक टोकनी बुन लो
अपने मन की चीज़ें भरो
कचरा भरकर फेंको
एक काँवर बना लो
कन्धों पर रखो और चल दो
पुल बनाकर पार हो जाओ

इससे पहले कि
बाँस बेसुरे हो जाएँ
और जल मरें
उनकी गाँठों को काट दो
छोटी-छोटी बांसुरियाँ बना लो
पूरे जंगल में सुर भरो