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आँखें देखकर / गोरख पाण्डेय

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|संग्रह=जागते रहो सोने वालो / गोरख पाण्डेय
}}
[[Category:कविता]]< poem> 
ये आँखें हैं तुम्हारी
इस दुनिया को
जितनी जल्दी हो बदल देना चाहिये.
 
</poem>