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आँखें देखकर / गोरख पाण्डेय
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|संग्रह=जागते रहो सोने वालो / गोरख पाण्डेय
}}
[[Category:कविता]]
< poem>
ये आँखें हैं तुम्हारी
इस दुनिया को
जितनी जल्दी हो बदल देना चाहिये.
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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