भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"छोटी-सी गिलहरी / रुस्तम" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रुस्तम |संग्रह= }} <Poem> छोटी-सी गिलहरी मेरे कमरे मे...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
13:10, 28 जनवरी 2009 के समय का अवतरण
छोटी-सी गिलहरी
मेरे कमरे में आती है
रोटी खाने के लिए
रख छोड़ता हूँ कमरे में जो रोटी
मैं फ़ालतू समझकर
गिलहरी जानती है कि मैं कमरे मे हूँ
मुझसे डरती है गिलहरी
सम्भल-सम्भल कर आती है
रखती है एक आँख मुझ पर !
ज़रा-सा हिलता हूँ
तो जाती है भाग !
जाने क्या सोचती है गिलहरी मेरे बारे में
नन्हीं-सी गिलहरी
जाने क्यों डरती है मुझसे
रोज़ आती है मेरे कमरे में
रोज़ मुझसे डरती है।