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"उसकी क्या कहें / रुस्तम" के अवतरणों में अंतर

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आपके लिए !
 
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हामारी सारी बस्तियाँ
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हमारी सारी बस्तियाँ
 
अँधेरे में डूबी हैं
 
अँधेरे में डूबी हैं
 
हमारे सारे घर
 
हमारे सारे घर

13:48, 28 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

रोशनियाँ तो बहुत हैं
पर जनाब
आपके लिए !

हमारी सारी बस्तियाँ
अँधेरे में डूबी हैं
हमारे सारे घर
अँधेरे में डूबे हैं
घरों में बर्तन
अँधेरे में डूबे हैं
बर्तनों में अन्न
अँधेरे में डूबा है

(इस अन्न के भीतर भी
अँधेरा है
जो जाएगा हमारे भीतर)

अथाह अँधेरे में डूबा है
हमारा वर्तमान

और भविष्य?
तो जनाब
उसकी क्या कहें !