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"सामंजस्य / बहादुर पटेल" के अवतरणों में अंतर

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20:30, 4 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

तुम्हारा मुस्कुराना इस तरह
दिल में हलचल पैदा करता है
मानो
हरी-हरी कोंपले निकलने
के लिए आतुर हों
और मैं उस पौध को
सींच रहा हूँ अनवरत
ताकि
कोंपलें निकलती रहें
लगातार, लगातार।