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सदस्य:Ktheleo

620 bytes added, 17:57, 6 फ़रवरी 2009
गुफ्तगू वो के तू सब जान गया और मैं खामोश यहाँ हूँ.
 
 
मैं कविता प्रेम के कारण ही यहाँ तक आ पहुँचा हूँ.
एक अत्यंत शुरुआती प्रयास के तहत एक ब्लॉग भी लिखता हूँ, पता है
 
http://www.sachmein.blogspot.com/
 
आप लोगो का सानिध्य मिला तो शायद कुछ सीख जाऊं, इसी आशासे प्रयासरत रहूँगा.
 
अनेक शुभकामनाओ सहित,
 
कुश
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