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"त्रिलोचन चलता रहा / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर

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00:58, 13 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

मंडी हाउस पर नोएडा जाने वाली चार्टर्ड बस में त्रिलोचन

त्रिलोचन को देखा
पकी दाढ़ी
गहरी आंखें
चेहरे पर ताप
हाथ में झोला
चुपचाप खड़े थे बस के दरवाजे पर

ऐ ताऊ
पैसे दे

ऐ ताऊ
पीछे बढ़ जा, सीट है बैठ जा

जैसे प्रगतिशील कवियों की ऩई लिस्ट निकली थी
और उसमें त्रिलोचन का नाम नहीं था
उसी तरह इस कंडक्टर की बस में
उनकी सीट नहीं थी

सफर कटता रहा
त्रिलोचन चलता रहा
संघर्ष के तमाम निशान
अपनी बांहों में समेटे
बिना बैठे
त्रिलोचन चलता रहा