भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"शहरयार" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
|उपनाम= | |उपनाम= | ||
|जन्म=१६ जून १९३६ | |जन्म=१६ जून १९३६ | ||
− | |जन्मस्थान=आँवला, बरेली, उत्तरप्रदेश | + | |जन्मस्थान=आँवला, बरेली, उत्तरप्रदेश, भारत |
|मृत्यु= | |मृत्यु= | ||
− | |कृतियाँ=[[ख़्वाब का दर बंद है / शहरयार|ख़्वाब का दर बंद है]](1987),[[शाम होने वाली है / शहरयार|शाम होने वाली है]](2005) | + | |कृतियाँ=[[ख़्वाब का दर बंद है / शहरयार|ख़्वाब का दर बंद है]] (1987), [[शाम होने वाली है / शहरयार|शाम होने वाली है]] (2005) |
|विविध= | |विविध= | ||
|अंग्रेज़ीनाम=Shaharyar, Shaharyaar | |अंग्रेज़ीनाम=Shaharyar, Shaharyaar | ||
|जीवनी=[[शहरयार / परिचय]] | |जीवनी=[[शहरयार / परिचय]] | ||
}} | }} | ||
+ | [[Category:शायर]] | ||
* '''[[ख़्वाब का दर बंद है / शहरयार]]''' | * '''[[ख़्वाब का दर बंद है / शहरयार]]''' | ||
* '''[[शाम होने वाली है / शहरयार]]''' | * '''[[शाम होने वाली है / शहरयार]]''' |
19:01, 14 फ़रवरी 2009 का अवतरण
शहरयार
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | १६ जून १९३६ |
---|---|
जन्म स्थान | आँवला, बरेली, उत्तरप्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
ख़्वाब का दर बंद है (1987), शाम होने वाली है (2005) | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
शहरयार / परिचय |
<sort order="asc" class="ul">
- कटेगा देखिए दिन जाने किस अज़ाब के साथ / शहरयार
- ऐसे हिज्र के मौसम अब कब आते हैं / शहरयार
- ज़िंदगी जैसी तवक्को थी नहीं / शहरयार
- अजीब सानेहा मुझ पर गुज़र गया यारो / शहरयार
- दिल चीज़ क्या है / शहरयार
- हद-ए-निगाह तक ये ज़मीं / शहरयार
- हम पढ़ रहे थे ख़्वाब के पुर्ज़ों को जोड़ के / शहरयार
- इन आँखों की मस्ती के / शहरयार
- जुस्तजू जिस की थी / शहरयार
- ख़ून में लथ-पथ हो गये / शहरयार
- किस-किस तरह से मुझको / शहरयार
- किया इरादा बारहा तुझे भुलाने का / शहरयार
- नया अमृत / शहरयार
- सीने में जलन / शहरयार
- ये क्या जगह है दोस्तों / शहरयार
- ज़िन्दगी जब भी तेरी बज़्म में / शहरयार
- ज़िन्दगी जैसी तमन्ना थी / शहरयार
- यह क़ाफ़िले यादों के कहीं खो गये होते / शहरयार
- सूरज का सफ़र ख़त्म हुआ रात न आयी / शहरयार
- इसे गुनाह कहें या कहें सवाब का काम / शहरयार
- मैं नहीं जागता / शहरयार
- महफिल में बहुत लोग थे मै तन्हा गया था / शहरयार
- शंख बजने की घड़ी / शहरयार
- दुश्मन-दोस्त सभी कहते हैं, बदला नहीं हूं मैं / शहरयार
- ये क़ाफ़िले यादों के कहीं खो गये होते / शहरयार
</sort>