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"होना तो यह चाहिए / सुदर्शन वशिष्ठ" के अवतरणों में अंतर

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ऐसा भी हो सकता है
+
होना तो यह चाहिए
अस्पताल में भीड़ न हो
+
सड़कें साफ हों
ऊंघ रहा हो पर्ची बनाने वाला
+
सभी चलें बाईं ओर
डॉक्टर मक्खियां मारता मिले
+
कोई थूके नहीं पेशाब करे।
एकदम खुश हो जाए तुम्हें देख
+
और तुम्हें कोई बीमारी हो।
+
  
ऐसा भी हो सकता है
+
होना तो यह चाहिए
सस्ती दुकान पर खाली बैठा हो कर्मचारी
+
मन साफ हों
लाईन न हो कैरोसीन के लिए
+
सभी नेक काम करें
बिजली बिल देने के लिए
+
हेरा-फेरी से डरें
आवाज़ लगाये बाबू
+
और तुम्हारी जेब खाली हो।
+
  
ऐसा भी हो सकता है
+
होना तो यह चाहिए
कोई भी हो मंत्री के पास
+
हकूमत करें सरकारी सेवक
चुपचाप जाने दे संतरी
+
या सेवा नाम हटा दें
हाकिम तुम्हें आवाज़ दे बुलाए
+
हाकिम बनें सामने-सामने।
बिठाए चाय पिलाए
+
और तुम्हें कोई काम न हो।
+
  
ऐसा भी हो सकता है
+
होना तो यह चाहिए
तुम प्रातः नगर द्वार पहले आदमी मिलो
+
कि चोर लुटेरों को सजा मिले
तुम्हें बिठा दिया जाए सिंहासन पर
+
फांसी पर लटकाए जाएं हत्यारे
या बिना चुनाव लड़े
+
उन्हें न बनाया जाए सांसद या मन्त्री।
तुम्हें बना दिया जाये मंत्री।
+
  
फिर तुम अपने गांव लौटो
+
होना तो यह चाहिए
राजा या मंत्री बन कर
+
कि नेता तूफान बाढ़ या सूखे
जाना चाहो उसी गली में जहां खेले
+
पर ही जाएं गाँव।
उस खेत में जहां मक्की चुराई
+
उस घराट में जहां स्कूल से छिपे
+
सोना चाहो उन खिंद गूदड़ों में
+
जहां सपने बुने
+
पाओ वहां महल अट्टालिका
+
पत्नी की जगह रानी
+
बच्चों की जगह राजमुमार
+
नौकर-चाकर, दास-दासियां
+
कोई बचपन का साथी मिले
+
गांव का कोई बूढ़ा न दिखे
+
कोई न तुम्हें जाने न पहचाने
+
तुम डर जाओ जैसे
+
मंजर देख डरे सुदामा।
+
  
जाने ही दें अंगरक्षक तुम्हें
+
होना तो यह चहिए
उस घर में जहां मिट्टी से सने
+
कि सही जगह पर गलत आदमी बैठें
उस जगह जहां माँ से बिछुड़े।
+
और
 +
गलत जगह पर सही आदमी।
  
रहो तुम आरामघर में बेआराम
+
होना तो यह चाहिए
ऐसा भी हो सकता
+
कि अखबारों में सही खबर जाए
 +
सच को सच लिखा जाए
 +
झूठ को झूठ।
 +
 
 +
होना तो यह चहिए
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कि सब हाथों को काम मिले
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थके हारों को आराम मिले।
 +
 
 +
होना तो यह चाहिए
 +
अध्यापक कक्षा में पढ़ाएं
 +
ट्यूशन न करें
 +
डॉक्टर न खोलें प्राइवेट नर्सिंग होम।
 +
 
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होना तो यह चाहिए
 +
नेता न बनें राजा
 +
सेवा करें गरीबों की
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लोगों की सुनें।
 +
 
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सभी कहते हैं
 +
होना तो यह चाहिए
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होना तो वह चाहिए
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करते नहीं।
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होना तो बहुत कुछ चाहिए अनहोना
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होता नहीं जो होना चाहिए
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इसलिये होना तो वही चाहिए
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जो होना चाहिए।
 
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02:12, 18 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

होना तो यह चाहिए
सड़कें साफ हों
सभी चलें बाईं ओर
कोई थूके नहीं पेशाब न करे।

होना तो यह चाहिए
मन साफ हों
सभी नेक काम करें
हेरा-फेरी से डरें

होना तो यह चाहिए
हकूमत न करें सरकारी सेवक
या सेवा नाम हटा दें
हाकिम बनें सामने-सामने।

होना तो यह चाहिए
कि चोर लुटेरों को सजा मिले
फांसी पर लटकाए जाएं हत्यारे
उन्हें न बनाया जाए सांसद या मन्त्री।

होना तो यह चाहिए
कि नेता तूफान बाढ़ या सूखे
पर ही न जाएं गाँव।

होना तो यह चहिए
कि सही जगह पर गलत आदमी न बैठें
और
गलत जगह पर सही आदमी।

होना तो यह चाहिए
कि अखबारों में सही खबर जाए
सच को सच लिखा जाए
झूठ को झूठ।

होना तो यह चहिए
कि सब हाथों को काम मिले
थके हारों को आराम मिले।

होना तो यह चाहिए
अध्यापक कक्षा में पढ़ाएं
ट्यूशन न करें
डॉक्टर न खोलें प्राइवेट नर्सिंग होम।

होना तो यह चाहिए
नेता न बनें राजा
सेवा करें गरीबों की
लोगों की सुनें।

सभी कहते हैं
होना तो यह चाहिए
होना तो वह चाहिए
करते नहीं।

होना तो बहुत कुछ चाहिए अनहोना
होता नहीं जो होना चाहिए
इसलिये होना तो वही चाहिए
जो होना चाहिए।