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[[Category:गज़ल]]
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आते आते मेरा नाम सा रह गया
उस के होंठों पे कुछ काँपता रह गया
आते आते मेरा नाम सा रह वो मेरे सामने ही गया <br>और मैं उस के होंठों पे कुछ काँपता रास्ते की तरह देखता रह गया<br><br>
वो मेरे सामने ही गया झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये और मैं <br>रास्ते की तरह देखता था कि सच बोलता रह गया<br><br>
झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये <br>और मैं था कि सच बोलता रह गया<br><br> आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे <br>ये दिया कैसे जलता रह गया<br><br/poem>