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"मोरपखा मुरली बनमाल / रसखान" के अवतरणों में अंतर
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मोरपखा मुरली बनमाल, लख्यौ हिय मै हियरा उमह्यो री। | मोरपखा मुरली बनमाल, लख्यौ हिय मै हियरा उमह्यो री। |
18:42, 21 अप्रैल 2008 के समय का अवतरण
मोरपखा मुरली बनमाल, लख्यौ हिय मै हियरा उमह्यो री।
ता दिन तें इन बैरिन कों, कहि कौन न बोलकुबोल सह्यो री॥
अब तौ रसखान सनेह लग्यौ, कौउ एक कह्यो कोउ लाख कह्यो री।
और सो रंग रह्यो न रह्यो, इक रंग रंगीले सो रंग रह्यो री।