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उद्धार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े।
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भव पार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े॥
  
उद्धार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े ।<br>
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कैसे तेरा नाम धियायें कैसे तुम्हरी लगन लगाये।
भव पार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े ॥<br><br>
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हृदय जगा दो ज्ञान तुम्हरी शरण पड़े॥
  
कैसे तेरा नाम धियायें कैसे तुम्हरी लगन लगाये ।<br>
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पंथ मतों की सुन सुन बातें द्वार तेरे तक पहुंच न पाते।
हृदय जगा दो ज्ञान तुम्हरी शरण पड़े ॥<br><br>
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भटके बीच जहान तुम्हरी शरण पड़े॥
  
पंथ मतों की सुन सुन बातें द्वार तेरे तक पहुंच न पाते ।<br>
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तू ही श्यामल कृष्ण मुरारी राम तू ही गणपति त्रिपुरारी।
भटके बीच जहान तुम्हरी शरण पड़े ॥<br><br>
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तुम्ही बने हनुमान तुम्हरी शरण पड़े॥
  
तू ही श्यामल कृष्ण मुरारी राम तू ही गणपति त्रिपुरारी ।<br>
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ऐसी अन्तर ज्योति जगाना हम दीनों को शरण लगाना।
तुम्ही बने हनुमान तुम्हरी शरण पड़े ॥<br><br>
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हे प्रभु दया निधान तुम्हरी शरण पड़े॥
 
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हे प्रभु दया निधान तुम्हरी शरण पड़े ॥<br><br>
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20:00, 17 अप्रैल 2009 का अवतरण

उद्धार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े।
भव पार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े॥

कैसे तेरा नाम धियायें कैसे तुम्हरी लगन लगाये।
हृदय जगा दो ज्ञान तुम्हरी शरण पड़े॥

पंथ मतों की सुन सुन बातें द्वार तेरे तक पहुंच न पाते।
भटके बीच जहान तुम्हरी शरण पड़े॥

तू ही श्यामल कृष्ण मुरारी राम तू ही गणपति त्रिपुरारी।
तुम्ही बने हनुमान तुम्हरी शरण पड़े॥

ऐसी अन्तर ज्योति जगाना हम दीनों को शरण लगाना।
हे प्रभु दया निधान तुम्हरी शरण पड़े॥