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जानकी नाथ सहाय करें
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जानकी नाथ सहाय करें जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो ॥
  
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सुरज मंगल सोम भृगु सुत बुध और गुरु वरदायक तेरो
जानकी नाथ सहाय करें जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो ॥<br><br>
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राहु केतु की नाहिं गम्यता संग शनीचर होत हुचेरो
  
सुरज मंगल सोम भृगु सुत बुध और गुरु वरदायक तेरो <br>
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दुष्ट दु:शासन विमल द्रौपदी चीर उतार कुमंतर प्रेरो
राहु केतु की नाहिं गम्यता संग शनीचर होत हुचेरो <br><br>
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ताकी सहाय करी करुणानिधि बढ़ गये चीर के भार घनेरो
  
दुष्ट दु:शासन विमल द्रौपदी चीर उतार कुमंतर प्रेरो ।<br>
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जाकी सहाय करी करुणानिधि ताके जगत में भाग बढ़े रो ।
ताकी सहाय करी करुणानिधि बढ़ गये चीर के भार घनेरो ॥<br><br>
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जाकी सहाय करी करुणानिधि ताके जगत में भाग बढ़े रो ।<br>
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रघुवंशी संतन सुखदायी तुलसीदास चरनन को चेरो ॥
 
रघुवंशी संतन सुखदायी तुलसीदास चरनन को चेरो ॥
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20:03, 17 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण

जानकी नाथ सहाय करें
जानकी नाथ सहाय करें जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो ॥

सुरज मंगल सोम भृगु सुत बुध और गुरु वरदायक तेरो ।
राहु केतु की नाहिं गम्यता संग शनीचर होत हुचेरो ॥

दुष्ट दु:शासन विमल द्रौपदी चीर उतार कुमंतर प्रेरो ।
ताकी सहाय करी करुणानिधि बढ़ गये चीर के भार घनेरो ॥

जाकी सहाय करी करुणानिधि ताके जगत में भाग बढ़े रो ।
रघुवंशी संतन सुखदायी तुलसीदास चरनन को चेरो ॥