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"ज्योत से ज्योत जगाते चलो / भजन" के अवतरणों में अंतर

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ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो
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ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो<br>
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राह में आए जो दीन दुखी सबको गले से लगाते चलो ॥<br><br>
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प्यार के मोती लुटाते चलो, प्रेम की गंगा
  
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आशा टूटी ममता रूठी छूट गया है किनारा
जो निर्धन है जो निर्बल है वह है प्रभू का प्यारा<br>
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बंद करो मत द्वार दया का दे दो कुछ तो सहारा
प्यार के मोती लुटाते चलो, प्रेम की गंगा <br><br>
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दीप दया का जलाते चलो, प्रेम की गंगा
  
आशा टूटी ममता रूठी छूट गया है किनारा<br>
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छाया है छाओं और अंधेरा भटक गैइ हैं दिशाएं
बंद करो मत द्वार दया का दे दो कुछ तो सहारा<br>
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मानव बन बैठा है दानव किसको व्यथा सुनाएं
दीप दया का जलाते चलो, प्रेम की गंगा <br><br>
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मानव बन बैठा है दानव किसको व्यथा सुनाएं<br>
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धरती को स्वर्ग बनाते चलो, प्रेम की गंगा
 
धरती को स्वर्ग बनाते चलो, प्रेम की गंगा
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20:05, 17 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण

ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो
राह में आए जो दीन दुखी सबको गले से लगाते चलो ॥

जिसका न कोई संगी साथी ईश्वर है रखवाला
जो निर्धन है जो निर्बल है वह है प्रभू का प्यारा
प्यार के मोती लुटाते चलो, प्रेम की गंगा

आशा टूटी ममता रूठी छूट गया है किनारा
बंद करो मत द्वार दया का दे दो कुछ तो सहारा
दीप दया का जलाते चलो, प्रेम की गंगा

छाया है छाओं और अंधेरा भटक गैइ हैं दिशाएं
मानव बन बैठा है दानव किसको व्यथा सुनाएं
धरती को स्वर्ग बनाते चलो, प्रेम की गंगा