भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"वीर हनुमाना अति बलवाना / भजन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{KKGlobal}}
 +
{{KKBhajan
 +
|रचनाकार=
 +
}}
 +
<poem>
 
वीर हनुमाना अति बलवाना  
 
वीर हनुमाना अति बलवाना  
  
 
राम राम रटीयो रे  
 
राम राम रटीयो रे  
 
 
मेरे मन बसियो रे  
 
मेरे मन बसियो रे  
 
  
 
न कोई संगी साथ की तंगी  
 
न कोई संगी साथ की तंगी  
 
 
विनती सुनियो रे ... मेरे मन बसियो रे
 
विनती सुनियो रे ... मेरे मन बसियो रे
 +
</poem>

20:26, 17 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण

वीर हनुमाना अति बलवाना

राम राम रटीयो रे
मेरे मन बसियो रे

न कोई संगी साथ की तंगी
विनती सुनियो रे ... मेरे मन बसियो रे