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"पिता-1 / नरेश चंद्रकर" के अवतरणों में अंतर
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पिता की छाती में एक कुआँ है
बजती है जिसमें
जल-तरंग कभी-कभी
जब वे ख़ुश हो जाते हैं या
डूब जाते हैं गहरे दुख में!