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"भारत भाग्य विधाता / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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ख़ून-पसीना किया बाप ने एक, जुटाई फीस
 
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आँख निकल आई पढ़-पढ़के, नम्बर पाए तीस
 
आँख निकल आई पढ़-पढ़के, नम्बर पाए तीस
 
 
शिक्षा मंत्री ने सिनेट से कहा--"अजी शाबाश !
 
शिक्षा मंत्री ने सिनेट से कहा--"अजी शाबाश !
 
 
सोना हो जाता हराम यदि ज़्यादा होते पास"
 
सोना हो जाता हराम यदि ज़्यादा होते पास"
 
 
फेल पुत्र का पिता दुखी है, सिर धुनती है माता
 
फेल पुत्र का पिता दुखी है, सिर धुनती है माता
 
 
जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता
 
जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता
  
(1953 में रचित)
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'''(1953 में रचित)
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02:00, 9 मई 2009 का अवतरण

ख़ून-पसीना किया बाप ने एक, जुटाई फीस
आँख निकल आई पढ़-पढ़के, नम्बर पाए तीस
शिक्षा मंत्री ने सिनेट से कहा--"अजी शाबाश !
सोना हो जाता हराम यदि ज़्यादा होते पास"
फेल पुत्र का पिता दुखी है, सिर धुनती है माता
जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता

(1953 में रचित)