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− | मैं मरूँ दिल्ली की बस में | + | मैं मरूँ दिल्ली की बस में |
− | पायदान पर लटक कर नहीं | + | पायदान पर लटक कर नहीं |
− | पहिये से कुचलकर नहीं | + | पहिये से कुचलकर नहीं |
− | पीछे घसीटता हुआ नहीं | + | पीछे घसीटता हुआ नहीं |
− | दुर्घटना में नहीं | + | दुर्घटना में नहीं |
− | मैं मरूँ बस में खड़ा-खड़ा | + | मैं मरूँ बस में खड़ा-खड़ा |
− | भीड़ में चिपक कर | + | भीड़ में चिपक कर |
− | चार पाँव ऊपर हों | + | चार पाँव ऊपर हों |
− | दस हाथ नीचे | + | दस हाथ नीचे |
− | दिल्ली की चलती हुई बस में मरूँ मैं | + | दिल्ली की चलती हुई बस में मरूँ मैं |
− | अगर कभी मारून तो | + | अगर कभी मारून तो |
− | बस के योवन और सोन्दर्य के बीच | + | बस के योवन और सोन्दर्य के बीच |
− | कुचलकर मरूँ मैं | + | कुचलकर मरूँ मैं |
− | अगर मैं मरूँ कभी तो वहीं | + | अगर मैं मरूँ कभी तो वहीं |
− | जहाँ जिया गुमनाम लाश की तरह | + | जहाँ जिया गुमनाम लाश की तरह |
− | गिरुं मैं भीड़ में | + | गिरुं मैं भीड़ में |
साधारण कर देना मुझे है जीवन! | साधारण कर देना मुझे है जीवन! | ||
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+ | रचनाकाल : 20.09.1983 | ||
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00:21, 12 मई 2009 का अवतरण
मैं मरूँ दिल्ली की बस में
पायदान पर लटक कर नहीं
पहिये से कुचलकर नहीं
पीछे घसीटता हुआ नहीं
दुर्घटना में नहीं
मैं मरूँ बस में खड़ा-खड़ा
भीड़ में चिपक कर
चार पाँव ऊपर हों
दस हाथ नीचे
दिल्ली की चलती हुई बस में मरूँ मैं
अगर कभी मारून तो
बस के योवन और सोन्दर्य के बीच
कुचलकर मरूँ मैं
अगर मैं मरूँ कभी तो वहीं
जहाँ जिया गुमनाम लाश की तरह
गिरुं मैं भीड़ में
साधारण कर देना मुझे है जीवन!
रचनाकाल : 20.09.1983