भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"लड़की होने का अर्थ / श्याम किशोर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्याम किशोर |संग्रह=कोई ख़तरा नहीं है / श्याम कि...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
09:53, 28 मई 2009 के समय का अवतरण
जन्म से ही
सीधी
उदास
और
समर्पित
क्यों होती हैं लड़कियाँ
क्या उन्हें मालूम होता है
लड़की होने का अर्थ
जन्म से ही !